अभिषेक शर्मा का बैट स्विंग: क्या है लंबे छक्कों का राज? युवराज और लारा ने कैसे बनाया मॉन्स्टर!
अभिषेक शर्मा का बैट स्विंग आज क्रिकेट की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। दुबले-पतले शरीर के बावजूद जब वह 106 मीटर लंबा छक्का जड़ते हैं, तो हर कोई हैरान रह जाता है।
आंद्रे रसेल जैसे बाहुबली बल्लेबाजों की दुनिया में, अभिषेक अपनी टाइमिंग और तकनीक के दम पर लंबे छक्के लगाने की कला को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।
आखिर क्या है उनकी इस ताकत का राज? यह सिर्फ मांसपेशियों का खेल नहीं, बल्कि एक परफेक्ट बायोमैकेनिक्स, लय और सालों की मेहनत का नतीजा है, जिसे युवराज सिंह और ब्रायन लारा जैसे दिग्गजों ने तराशा है।
अश्विन और कोच भी हैं कायल: ‘एक स्विंग, अनगिनत एडजस्टमेंट’
दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी अभिषेक शर्मा का बैट स्विंग देखकर हैरान हैं। उन्होंने अभिषेक के छक्कों से ज्यादा उनके कवर ड्राइव की तारीफ की। अश्विन कहते हैं, “हर कोई उनके छक्कों की बात करेगा, लेकिन मैं उनके हेलिकॉप्टर कवर ड्राइव की बात करना चाहता हूँ। एक ही बैट स्विंग होने के बावजूद, वह अपने डाउनस्विंग को एडजस्ट कर सकते हैं।”
यही वह कला है जो अभिषेक को खास बनाती है – एक ही आर्क में गेंद की गति और दिशा के हिसाब से बदलाव करने की क्षमता।
क्या है ‘वेव’ तकनीक?
दुनिया के जाने-माने पावर-हिटिंग कोच जूलियन वुड इस तकनीक को ‘वेव’ (The Wave) कहते हैं। वह समझाते हैं कि जब अभिषेक का बल्ला ऊपर जाता है, तो ऐसा लगता है कि हाथ रुक गए हैं, लेकिन वे रुकते नहीं हैं। यह एक निरंतर मूवमेंट है।
वुड कहते हैं, “इस तकनीक से अभिषेक अपनी पोजिशन को होल्ड करते हैं और अपने तेज हाथों की वजह से स्विंग में देरी कर सकते हैं। इससे उन्हें आखिरी पल में गेंद को मनचाही दिशा में मारने का मौका मिलता है।”
मसल्स नहीं, लय और टाइमिंग है असली ताकत
जूलियन वुड के अनुसार, आज के टी20 बल्लेबाज अपनी बैटिंग पर नहीं, बल्कि अपने स्विंग पर काम करते हैं। अभिषेक जैसे खिलाड़ी, जो शारीरिक रूप से बहुत विशाल नहीं हैं, अपनी ताकत के लिए मसल्स पर नहीं, बल्कि लय, टाइमिंग और सही सीक्वेंसिंग पर निर्भर करते हैं।
अभिषेक का स्विंग उनके पेट के नीचे से शुरू होता है, जो स्विंग को लंबा और ताकतवर बनाता है। जबकि ज्यादातर बल्लेबाज कूल्हे के पास से बल्ला उठाते हैं, जिससे स्विंग छोटा और ‘पुश’ वाला हो जाता है।
ग्राउंड-अप पावर और स्पेस का खेल
क्रिकेट में पावर जमीन से ऊपर की ओर बनती है – पैर, कूल्हे, धड़, कंधे और अंत में कलाई। यह एक काइनेटिक चेन है, जहाँ हर हिस्सा सही समय पर एक्टिव होता है। अभिषेक शर्मा जैसे छोटे कद के खिलाड़ियों को मूवमेंट की ज़रूरत होती है, जबकि रसेल और पोलार्ड जैसे बड़े खिलाड़ी खड़े-खड़े मसल्स से छक्के लगा सकते हैं।
अभिषेक गेंद से एक परफेक्ट दूरी बनाते हैं, जिसे कोच वुड ‘स्पेस’ कहते हैं। वह कहते हैं, “टी20 में छक्का मारने के लिए आपको स्पेस चाहिए। अगर स्पेस नहीं है, तो आपके हाथ तेजी से नहीं घूम सकते। अभिषेक यह स्पेस बहुत खूबसूरती से बनाते हैं।”
युवराज और लारा का प्रभाव
अभिषेक शर्मा का बैट स्विंग की नींव चंडीगढ़ में उनके मेंटर युवराज सिंह ने रखी थी। युवराज खुद अपनी शानदार टाइमिंग और बैट स्विंग के लिए जाने जाते थे, और उन्होंने अभिषेक को वही लय सिखाई।
बाद में, सनराइजर्स हैदराबाद में ब्रायन लारा के साथ नेट सेशन ने उनके खेल को और निखारा। लारा ने उन्हें स्विंग को और बेहतर बनाने और खेल को समझने में मदद की।
अंतिम फैसला: एक सम्पूर्ण पैकेज
अभिषेक का नेचुरल गेम, टीम मैनेजमेंट का सपोर्ट, परफेक्ट बायोमैकेनिक्स और दिग्गजों से मिली सीख, यह सब मिलकर उन्हें आज के सबसे बेहतरीन टी20 बल्लेबाजों में से एक बनाते हैं।
उनका बैट स्विंग देखने में जितना आसान और सहज लगता है, उसके पीछे उतनी ही गहरी तकनीक और सालों की कड़ी मेहनत छिपी है। वह सिर्फ छक्के नहीं लगाते, बल्कि क्रिकेट में पावर की परिभाषा को भी बदल रहे हैं।
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