चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय क्रिकेट को कहा अलविदा
एक युग का अंत – 103 टेस्ट मैच का सफर पूरा
🏏 भारतीय क्रिकेट जगत में एक युग का अंत
भारतीय क्रिकेट जगत में एक युग का अंत हो गया है। चेतेश्वर पुजारा ने आज भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है। 37 वर्षीय इस अनुभवी बल्लेबाज ने अपने शानदार करियर में भारत के लिए 103 टेस्ट मैच और 5 वनडे खेले हैं।
भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना – इसका मतलब शब्दों में बयान करना असंभव है। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, सभी अच्छी चीजों का अंत होना चाहिए, और अत्यधिक कृतज्ञता के साथ मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का निर्णय लिया है।
– चेतेश्वर पुजारा🏏 टेस्ट करियर
कुल टेस्ट मैच
- • कुल रन: 7,195
- • औसत: 43.60
- • शतक: 19
- • अर्धशतक: 35
🏠 घरेलू प्रदर्शन
घरेलू मैचों में औसत
- • घरेलू रन: 3,839
- • मैच जीताने में योगदान
📊 प्रथम श्रेणी करियर
कुल प्रथम श्रेणी रन
- • मैच: 278
- • औसत: 51.82
- • शतक: 66
- • तिहरे शतक: 3
🏆 पुजारा की मुख्य उपलब्धियां
- भारत का सबसे भरोसेमंद नंबर 3 बल्लेबाज – एक दशक से अधिक इस स्थान पर बल्लेबाजी
- ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत के हीरो – 2018-19 में पहली सीरीज जीत में महत्वपूर्ण योगदान
- धैर्य और तकनीक के मास्टर – कठिन परिस्थितियों में टिकने की अद्भुत क्षमता
- टेस्ट के सभी पांच दिन खेलने वाले तीसरे भारतीय – एमएल जैसीम्हा और रवि शास्त्री के साथ
🌟 यादगार पारियां
2018 – साउथैम्पटन में नाबाद 132*
कठिन पिच पर जब विराट कोहली के 46 रन टीम का दूसरा सबसे अच्छा स्कोर था
2018-19 ऑस्ट्रेलिया टूर – 3 शतक
एडिलेड, मेलबर्न और सिडनी में शतक जड़कर भारत की पहली ऑस्ट्रेलियाई जीत में योगदान
2020-21 ब्रिसबेन – 211 गेंदों की 56*
928 गेंदों का सामना करते हुए भारत की ऐतिहासिक जीत की नींव रखी
रांची में दोहरा शतक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 672 मिनट और 525 गेंदों का सामना
📅 पुजारा का करियर टाइमलाइन
2010 – करियर की शुरुआत
भारतीय टीम में पदार्पण
2012 – पहला शतक
हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ
2013 – जोहानसबर्ग में शानदार 153
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 घंटे की बल्लेबाजी
2018-19 – ऑस्ट्रेलिया विजय
तीन शतकों के साथ ऐतिहासिक सीरीज जीत
2020-21 – ब्रिसबेन का साहस
928 गेंदों का सामना, भारत की जीत में योगदान
2025 – संन्यास की घोषणा
सभी प्रारूपों से विदाई
🎯 भारतीय क्रिकेट पर पुजारा का प्रभाव
🏏 तकनीकी मानक
युवा बल्लेबाजों के लिए आदर्श
⏰ धैर्य की परंपरा
लंबी पारी खेलने की कला
🛡️ रक्षात्मक मास्टर
कठिन परिस्थितियों में टिकना
🏆 टेस्ट क्रिकेट का महत्व
लाल गेंद की परंपरा को बनाए रखा
🏁 निष्कर्ष: एक महान करियर का अंत
चेतेश्वर पुजारा का संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम युग का अंत है। उन्होंने न केवल अपनी बल्लेबाजी से बल्कि अपने चरित्र और दृढ़ता से भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में स्थान बनाया।
उनकी तकनीकी पूर्णता, मानसिक दृढ़ता और टीम के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।
भारतीय क्रिकेट पुजारा के योगदान को हमेशा याद रखेगा।