Ek Deewane Ki Deewaniyat Movie Review: हर्षवर्धन और सोनम की जुनून भरी कहानी, क्या 90s का जादू चल पाया?
दिवाली के मौके पर सिनेमाघरों में कई फिल्में रिलीज हुई हैं, लेकिन जिस फिल्म की चर्चा सबसे ज्यादा है, वह है हर्षवर्धन राणे (Harshvardhan Rane) और सोनम बाजवा (Sonam Bajwa) की रोमांटिक ड्रामा ‘एक दीवाने की दीवानियत‘।
मिलाप मिलन झावेरी (Milap Milan Zaveri) के निर्देशन में बनी यह फिल्म प्यार, जुनून और धोखे की एक इंटेंस कहानी है। हर्षवर्धन, जिन्हें ‘सनम तेरी कसम’ से एक बड़ी पहचान मिली, एक बार फिर एक जुनूनी आशिक के किरदार में लौटे हैं। तो क्या यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए जानते हैं इस खास मूवी रिव्यू में।
फिल्म की कहानी: प्यार या जुनून की हद?
फिल्म की कहानी विक्रमआदित्य भोसले (हर्षवर्धन राणे) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक शक्तिशाली राजनेता है और जिसे हर चीज पाने की आदत है। उसकी जिंदगी में भूचाल तब आता है जब वह एक मशहूर एक्ट्रेस अदा रंधावा (सोनम बाजवा) से मिलता है।
विक्रम, अदा की खूबसूरती पर अपना दिल हार बैठता है। लेकिन जब अदा उसके प्यार को ठुकराती है, तो उसका प्यार एक खतरनाक जुनून में बदल जाता है। ‘एक दीवाने की दीवानियत‘ दिखाती है कि कैसे एकतरफा प्यार की आग में एक इंसान किसी भी हद तक जा सकता है। कहानी में प्यार और धोखे का एक ऐसा त्रिकोण है, जो आपको 90 के दशक की फिल्मों की याद दिलाएगा।
परफॉरमेंस: हर्षवर्धन का दमदार अंदाज और सोनम की सादगी
परफॉरमेंस की बात करें तो हर्षवर्धन राणे (Harshvardhan Rane) ने अपने किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया है। एक जुनूनी आशिक के रूप में उनकी एक्टिंग बेहद दमदार है। उनके इंटेंस एक्सप्रेशन्स और पावरफुल स्क्रीन प्रेजेंस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष हैं।
वहीं, सोनम बाजवा (Sonam Bajwa) ने अदा के किरदार में अपनी खूबसूरती और सादगी से दिल जीत लिया है। उनकी परफॉरमेंस में एक ठहराव है, जो हर्षवर्धन के आक्रामक किरदार को संतुलित करता है। दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर काफी अच्छी लगती है।
डायरेक्शन और म्यूजिक: 90s का नॉस्टैल्जिया
डायरेक्टर मिलाप मिलन झावेरी (Milap Milan Zaveri) अपनी मासी और डायलॉग-हैवी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, और ‘एक दीवाने की दीवानियत‘ में भी उनका वही सिग्नेचर स्टाइल झलकता है। फिल्म का ट्रीटमेंट पूरी तरह से 90 के दशक वाला है।
फिल्म का म्यूजिक इसका एक और मजबूत पक्ष है। ‘बोल कफ्फारा क्या होगा‘ और ‘दीवानियत‘ जैसे गाने पहले ही हिट हो चुके हैं और फिल्म के इमोशनल सीन्स को और भी प्रभावी बनाते हैं।
क्या यह फिल्म देखने लायक है?
अगर आप 90 के दशक की इंटेंस रोमांटिक ड्रामा फिल्मों के फैन हैं और आपको हर्षवर्धन राणे की एक्टिंग पसंद है, तो ‘एक दीवाने की दीवानियत‘ आपको निराश नहीं करेगी। यह एक मास-एंटरटेनर है, जो सिंगल स्क्रीन और छोटे शहरों के दर्शकों को खास तौर पर पसंद आएगी।
फिल्म में दमदार परफॉरमेंस, हिट म्यूजिक और इमोशनल उतार-चढ़ाव हैं। हालांकि, कहानी में नयापन नहीं है और सेकेंड हाफ थोड़ा खिंचा हुआ लगता है। सोशल मीडिया पर भी फिल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है, कई लोग इसे ‘वन टाइम वॉच‘ बता रहे हैं।
कुल मिलाकर, ‘एक दीवाने की दीवानियत‘ एक ऐसी लव स्टोरी है जिसमें प्यार से ज्यादा जुनून और पागलपन है।
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