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भारत ने रचा इतिहास! दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार जीता महिला ODI वर्ल्ड कप 2025 का खिताब!

भारतीय महिला क्रिकेट टीम 2025 ODI वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ जश्न मनाते हुए।

भारतीय महिला टीम ने पहली बार ODI वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया।

भारत ने रचा इतिहास! दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार जीता महिला ODI वर्ल्ड कप 2025 का खिताब!

द्वारा: Fan Viral | दिनांक: 4 नवंबर, 2025

आधी रात के ठीक बाद, जैसे ही विजयी कैच हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) के हाथों में आया, वह खुशी से दौड़ पड़ीं। दो दशकों और दो पिछले फाइनल्स का बोझ आखिरकार खत्म हो गया था। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला महिला ODI वर्ल्ड कप जीत लिया था।

शेफाली वर्मा (Shafali Verma) (87) और दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) (58) की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने 298/7 का स्कोर बनाया। जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट (Laura Wolvaardt) के शतक (101) के बावजूद पूरी टीम 246 पर सिमट गई। दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट लेकर इतिहास रच दिया।

जश्न और भावनाओं की रात

मैदान पर भावनाएं उमड़ पड़ीं। राधा यादव (Radha Yadav) ने एक तिरंगा लेकर हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) को लपेट लिया, जो इस पीढ़ी की मशाल वाहक से अब अमर प्रतीक बन गई थीं।

टीम युवा प्रतिका रावल (Pratika Rawal) को भी नहीं भूली, जो नॉकआउट से पहले फ्रैक्चर के कारण बाहर हो गई थीं। मंधाना ने चुपचाप अपना विजेता पदक प्रतिका के गले में डाल दिया, यह एक मौन स्वीकृति थी कि प्रतिका का प्रयास भी इस इतिहास का हिस्सा था।

तीसरी बार में मिली कामयाबी

दो फाइनल की हार के बाद, तीसरी बार में भारत को यह ऐतिहासिक जीत मिली। हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने ट्रॉफी को दो बार उठाने का नाटक किया और फिर तीसरी बार में उसे हवा में उठाया, और पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया।

देर रात तक चले इस जश्न में टीम ने भांगड़ा भी किया। यह एक ऐसी जीत थी, जिसकी कहानी कई सालों से लिखी जा रही थी।

पुरानी और नई पीढ़ी का मिलन

टीम ने अपनी जीत का जश्न पूर्व सितारों अंजुम चोपड़ा (Anjum Chopra), झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami), और मिताली राज (Mithali Raj) के साथ भी मनाया। ये सभी अब ब्रॉडकास्टर हैं, लेकिन पिछले दो असफल विश्व कप अभियानों में टीम की साथी थीं।

यह एक शक्तिशाली क्षण था, जो दर्शाता है कि इस जीत में उनके बलिदान और संघर्ष का भी योगदान था।

शेफाली और सचिन का यादगार पल

देर से चोट के कारण टीम में शामिल हुईं शेफाली वर्मा (Shafali Verma) ने कहा था:

“अगर भगवान मुझे अब यहां लाए हैं, तो यह किसी अच्छे काम के लिए ही होगा।”

और किस्मत ने यह सुनिश्चित किया कि उनके प्रेरणास्रोत सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), जिन्होंने अनजाने में नौ साल की उम्र में एक छोटी शहर की लड़की को प्रेरित किया था, आज उसे इतिहास रचते हुए देखने के लिए स्टेडियम में मौजूद थे।

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