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Nishaanchi Movie Review:’गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का हैंगओवर है तो ‘निशांची’ आपके लिए है!

Nishaanchi Movie Review: अनुराग कश्यप की देसी गैंगस्टर गाथा, जो कहीं असरदार तो कहीं भटकी हुई लगती है

द्वारा: Fan Viral | 19 सितंबर, 2025 |

रेटिंग: ★★★☆☆ (3/5)

अनुराग कश्यप का नाम सुनते ही दिमाग में एक खास तरह के सिनेमा की तस्वीर बनती है – कट्टा, रियल गालियों और गोलियों से भरपूर। उनकी नई फिल्म ‘निशांची’ भी इसी दुनिया की एक झलक है। यह फिल्म एक कमर्शियल एंटरटेनर है जिसमें ड्रामा, एक्शन, ह्यूमर और कश्यप का सिग्नेचर स्टाइल कूट-कूट कर भरा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की तरह एक यादगार फिल्म बन पाती है?

कहानी: कानपुर का देसीपन और धोखे की दुनिया

‘निशांची’ की कहानी कानपुर के देहाती इलाकों में सेट है, जहाँ दोस्ती, दुश्मनी, प्यार और धोखा एक साथ चलते हैं। कश्यप ने बड़ी ही सहजता से कानपुर के माहौल और वहां के किरदारों के मिजाज को पर्दे पर उतारा है। कहानी में कई परतें हैं, जिसमें दोस्त दोस्त को और प्रेमी प्रेमी को धोखा देता है। फिल्म का अंत एक ऐसे मोड़ पर होता है जहाँ से ‘पार्ट 2’ की भूमिका तैयार हो जाती है, जो दर्शकों को अगले हिस्से का इंतजार करने पर मजबूर कर देती है।

परफॉरमेंस और डायरेक्शन

फिल्म की कास्ट, जिसमें आइश्वर्य ठाकरे, मोनिका पंवार और मोहम्मद जीशान अय्यूब जैसे कलाकार शामिल हैं, ने अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है। अनुराग कश्यप का डायरेक्शन फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि वह किरदारों और माहौल को गढ़ने में माहिर हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और संगीत कहानी के साथ चलता है और लोक संगीत का एहसास देता है।

क्या अच्छा है, क्या बुरा?

फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट इसका रॉ और रियल फील है। यह एक ऐसी दुनिया दिखाती है जो बनावटी नहीं लगती। एक्शन, कॉमेडी और ड्रामा का मिक्सचर इसे एक मनोरंजक फिल्म बनाता है।

लेकिन, फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी लंबाई है। लगभग तीन घंटे की यह फिल्म कई जगहों पर भटकती हुई और धीमी लगती है। कुछ आलोचकों का मानना है कि कहानी पतली है जिसे बेवजह खींचा गया है। फिल्म के गाने भी ऐसे नहीं हैं जो आपके दिमाग में रह जाएं।

आखिरी फैसला

कुल मिलाकर, ‘निशांची’ एक ऐसी फिल्म है जो अनुराग कश्यप के फैंस को पसंद आएगी। इसमें वह सब कुछ है जिसके लिए कश्यप जाने जाते हैं – दमदार परफॉरमेंस, देसी माहौल और एक अराजक कहानी। हालांकि, इसकी लंबाई और धीमी गति कुछ दर्शकों को निराश कर सकती है।

यह ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के स्तर की फिल्म तो नहीं है, लेकिन एक बार देखने लायक मसाला एंटरटेनर जरूर है। अगर आप अनुराग कश्यप के सिनेमा के शौकीन हैं, तो इस फिल्म को मिस न करें।

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