आतंकी संगठन की साजिश आतंकी सैन्य वर्दी पहने हुए थे। पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा है। भारत ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर हुआ। इसने कश्मीर की शांति को तोड़ने की कोशिश की।
आतंकियों से मुठभेड़ सुबह 11 बजे के आसपास सेना को लिदवास में तीन आतंकियों का पता चला। जैसे ही सेना ने उन्हें घेरा, आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सेना ने जवाबी कार्रवाई की और तीनों आतंकियों को मार गिराया। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह भी था।
आतंकियों के हथियार मारे गए आतंकियों के पास से M4 कार्बाइन और AK-47 राइफलें मिलीं। ड्रोन की मदद से सेना ने इलाके की तलाशी ली और आतंकियों की पहचान की कोशिश की। माना जा रहा है कि ये आतंकी पहलगाम हमले में शामिल थे, हालांकि इसकी पुष्टि अभी बाकी है।
ऑपरेशन की खासियत ऑपरेशन महादेव में सेना ने ड्रोन और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। दाचीगाम का घना जंगल और मुश्किल रास्ते इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं, लेकिन सेना की सटीक योजना ने आतंकियों को भागने का मौका नहीं दिया। यह ऑपरेशन भारत की मजबूत रणनीति को दर्शाता है।