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Zubeen Garg Passes Away: ‘या अली’ फेम सिंगर का 52 साल की उम्र में निधन, सिंगापुर में हुआ हादसा।

A tribute photo of renowned singer Zubeen Garg who passed away at 52.

ज़ुबिन गर्ग को 'या अली' गाने से देशव्यापी पहचान मिली थी।

Zubeen Garg Passes Away at 52

‘या अली’ फेम सिंगर ज़ुबिन गर्ग का 52 साल की उम्र में निधन, संगीत जगत में शोक की लहर

द्वारा: Fan Viral | 19 सितंबर, 2025

संगीत की दुनिया से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। बॉलीवुड और असमिया संगीत के दिग्गज गायक ज़ुबिन गर्ग (Zubeen Garg) का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर में एक स्कूबा डाइविंग दुर्घटना के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर ने पूरे भारत, विशेषकर असम और पूर्वोत्तर के उनके लाखों फैंस को गहरे सदमे में डाल दिया है।

सिंगापुर में कैसे हुआ हादसा?

ज़ुबिन गर्ग सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में एक परफॉरमेंस के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह स्कूबा डाइविंग के लिए गए, जहाँ यह दुखद हादसा हुआ। स्थानीय अधिकारियों द्वारा उन्हें समुद्र से निकालने के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि, डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

एक गायक से बढ़कर थे ज़ुबिन

ज़ुबिन गर्ग सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने दशकों लंबे करियर में असमिया, हिंदी, बंगाली और तमिल सहित कई भाषाओं में हजारों गाने रिकॉर्ड किए। फिल्म ‘गैंगस्टर’ (2006) के गाने ‘या अली’ से उन्हें देशव्यापी प्रसिद्धि मिली, लेकिन असम में उनकी विरासत इससे कहीं बड़ी थी।

वह एक गायक, संगीतकार, अभिनेता और फिल्म निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक कारणों और युवाओं के मुद्दों के एक मुखर समर्थक भी थे। उनका संगीत अक्सर पूर्वोत्तर के लोगों की सांस्कृतिक पहचान, भावनाओं और संघर्ष को दर्शाता था।

असम के लिए एक अपूरणीय क्षति

उनके निधन की खबर फैलते ही फैंस, कलाकारों और राजनीतिक नेताओं की ओर से श्रद्धांजलि का तांता लग गया। कई लोगों ने इस क्षति को “अपूरणीय” बताया है। असम में, उन्हें क्षेत्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में देखा जाता था, एक ऐसा कलाकार जिसने लगातार स्थानीय संगीत, भाषा और सिनेमा को बढ़ावा दिया।

सोशल मीडिया पर फैंस उनके गाने, कॉन्सर्ट की क्लिप्स और भावुक संदेश साझा कर रहे हैं। उनके लिए ज़ुबिन गर्ग सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक आंदोलन और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा थे।

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